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लाल सुशांत सोरेन : एक संक्षिप्त परिचय
यदि यह वर्ष लाल सुशांत सोरेन का पहला पुण्यतिथि न होता तो भी सुशांत दा के जीवन का यह महत्वपूर्ण वर्ष होता क्योंकि इस वर्ष से उनके नाम पर " LAL SUSHANT SOREN CINE AWARD " नामक अवार्ड फंक्शन का शुभारंभ किया जा रहा है | 20वीं शताब्दी के अंतिम दो दशक से 21वीं सदी के शुरूआती दो दशक तक सुशांत दा की मधुर गायन की कला समस्त संताल आदिवासियों के समक्ष है और चार पीढ़ियों को लगातार मंत्रमुग्ध कर चुकी है | समय, भूगोल और संस्कृतियों की सीमाओं से खिलवाड़ करता हुआ उनका गाया हुआ गाना आज भी हजारों संताल आदिवासियों के बीच जादू बिखेर रहा है जो उन संताल आदिवासियों को बुढ़ापे तक याद रहेंगे |
लाल सुशांत सोरेन का जन्म झारखंड राज्य स्थित संताल परगाना प्रमंडल के पाकुड़ जिले के बेहद सुदूरवर्ती गांव दुर्गापुर ( अमड़ापाड़ा) में 22 अगस्त सन् 1961 ईस्वी को एक साधारण किसान परिवार में हुआ था | उनकी प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल तालझारी में हुई | उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा संत जोसेफ स्कूल गुहियाजोरी तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा हाई स्कूल लालमटिया से पूरी की | उन्होंने अपनी इंटरमिडिएट एवं ग्रेजुएशन की डिग्री संताल परगाना कॉलेज दुमका से हासिल की |
बहुमुखी प्रतिभा के धनी लाल सुशांत सोरेन को बचपन से ही गायकी के क्षेत्र में विशेष लगाव था, जिस कारण इनका झुकाव पढाई में कम गाना गाने में अधिक लगता था | फलस्वरूप विद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियों में वे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे | लेकिन इनकी सुरीली आवाज को पहचान तब मिला जब उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करते ही AISWACS नामक संस्था को ज्वाइन किया | इसी संस्था के अनेकों धार्मिक गानों को गा कर इन्हें धीरे धीरे प्रसिद्धि मिलने लगी | धार्मिक गानों से शुरू हुई उनके गाना गाने की सिलसिला में निखार तब आया जब उन्होंने स्वयं गानों को कम्पोज कर सुर देकर सैकड़ों पारंपरिक, समाजिक एवं आधुनिक गानों को अपनी जादुई आवाज से संगीतबद्ध किया. फिर तो इन्होंने कभी पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा | केसेट्स, कॉम्पेक्ट डिस्कस् में अपनी आवाज को कैद कराकर श्रोताओं के बीच अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवानी हो या स्टेज शो के दौरान अपनी उर्जावान लाइव परफारमेंस से दर्शकों को झुमाना हो, उन्होंने सब जगह अपनी मधुर एवं जादुई आवाज का लोहा मनवाया | इनके गाए गानों को आज भी गूगल जैसे ब्राउज़र पर सर्च कर सुना जा सकता है | यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया पर उनके लाइव परफोरमेंस देखे जा सकते हैं | उनके गाए गानों की एक एक वाक्य अर्थपूर्ण होते थे. शायद इसीलिए वह लोगों के दिलों में राज करते थे | भारोत दिशोम ताबुन जोनोम तोवादारी ...जैसे देशभक्ति गाना, बांग दो धनी गे धनी.... जैसे दर्दनाक गाना , ओड़ाक् रेहोंय राक् केदा दुवार रेंहोय राक् केदा.... जैसे वैवाहिक गानों को महान गायक लाल सुशांत सोरेन ने ही गाया है |
लाल सुशांत सोरेन ने संताली जैसे जनजातीय भाषा के गानों को राष्ट्रीय पटल पर खड़ा किया और राष्ट्रीय स्तर पर संताली गानों को एक अलग पहचान दिलाई | संताली गानों के स्तर को उन्होंने बढ़ाया है | कई युवा गायक / गायिका सुशांत दा के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं जो संताल समाज के लिए शुभ संकेत है | हम सभी धन्य के पात्र हैं कि हमारा जन्म सुशांत दा जैसे महान एवं सुप्रसिद्ध गायक के समकक्ष हुआ |
लेखक - रवि कुमार मरांडी

Lal Shushant Soren cine award 2019.
Organised by-Santal pargana films association

*Life time achievement award-Mr. Charles Tudu

Best Awards

1.Best actor- Pankaj Murmu
2.Best Actress -Mini Rosemary Basky
3.Best Singer male-Stephan Tudu
4.Best Singer female-Guddy Hembrom
5.Best Director-Munna Hembrom
6.Best video in social- JURI tin do..
7.Best video in Traditional- Laila Muni...
8.Best video in Morden - Dil dil deewana....
9.Best Lyricist -Munna Hembrom
10.Best Choreographer -Ravi Lohra
11.Best Cinematography -Julian Kujur
12. Best Music Director -Hemant Kujur

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SPFA SPFA Reviewed by Pradip Hansda on 8:08 PM Rating: 5

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